हिंदी के मशहूर लेखक अमरकांत और श्रीलाल शुक्ल को वर्ष 2009 के लिए
भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
किया जाएगा। वर्ष 2010 के लिए यह पुरस्कार कन्नड़ लेखक चंद्रशेखर
कंबर को दिया जाएगा।
मशहूर लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता
डॉक्टर सीताकांत महापात्रा के नेतृत्व में मंगलवार को हुई चयन समिति
की बैठक में 45वें और 46वें ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेताओं का चयन किया
गया। 86 वर्षीय अमरकांत को उनके प्रमुख उपन्यास ‘इन्हीं हथियारों
से’ के लिए 2007 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। उनकी
लघु कहानियों ‘हत्यारे’ और ‘दोपहर का भोजन’ को कई विश्वविद्यालयों
के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
श्रीलाल शुक्ल का जन्म 1925 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह एक
लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार और व्यंगकार हैं। उनकी महत्वपूर्ण
कृतियों में ‘राग दरबारी’, ‘मकान’, ‘सूनी घाटी का सूरज’, ‘पहला
पड़ाव’, ‘अज्ञातवास’ और ‘विश्रामपुर का संत’ शामिल हैं। उन्हें
साहित्य अकादमी पुरस्कार और व्यास सम्मान से सम्मानित किया जा चुका
है। भारतीय साहित्य और संस्कृति में उनके अहम योगदान को देखते हुए
2008 में उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया था। 74 वर्षीय कांबर
नामचीन उपन्यासकार और नाटककार हैं। उन्हें भी साहित्य अकादमी
पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका
है। |