आज भी ‘कैरियर’ का चुनाव हम च्वायस से नहीं
चांस के आधार पर ही करते हैं। तभी तो आमतौर पर अधिकांश
छात्र-छात्राएं स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद चाहे-अनचाहे कालेजों
में
ही दाखिला ले लेते हैं। आगे पढ़ाई जारी रखने की अपेक्षित इच्छा-शक्ति
व लगन भले ही उनमें बिल्कुल नहीं हों, लेकिन पारिवारिक दबाव और
सामाजिक प्रतिष्ठा के चक्कर में पड़कर उन्हें क्षेत्र विषय में अपनी
दिलचस्पी व स्थान को ताक पर रखकर बगैर सोचे-विचारे आई.ए.-बी.ए. मे
अपना नाम दर्ज कराना पड़ता है।
आज जब कैरियर की दुनिया में एक नहीं, अनेकानेक संभावनाएं सामने
हैं, तब भी अधिकांश छात्रों के माता-पिता उनके भविष्य को
सजाने-संवारने का एकमात्र रास्ता उच्च शिक्षा ही मानते हैं तथा उसका
केन्द्र कालेज या विश्वविद्यालय को। अपने बच्चो के भोजन, कपडे़ अथवा
घूमने-फिरने के शौक पर भले ही वे किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाते
हों, कैरियर के चुनाव में किसी भी तरह की स्वतंत्रता देना उन्हें
नागवार गुजरने लगता है या वे फिर इसे उचित भी नहीं समझते।
इतना ही नहीं सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि अपने यहां के अधिकांश
छात्र-छात्राओं को यह भी नहीं मालूम कि वे अपनी शैक्षणिक योग्यता,
अभिरूचि व क्षमता के उपयुक्त किस कोर्स का चुनाव करे। उन्हे यह भी
पता नहीं कि आज इतने अधिक व्यावसायिक कोर्स उपलब्ध है कि सामान्य
रूप से आई.ए., बी.ए. कक्षाओं में दाखिला लेकर उच्च शिक्षा पर बोझ
बढ़ाने तथा दोबारा बेरोजगार बने रहने की जहमत मोल लेने अथवा
पारिवारिक उपेक्षा व सामाजिक तिरस्कार से बचने के लिए बेहतर है कि
किसी ऐसे कोर्स का चुनाव किया जाये जिसमें काफी पर्याप्त दिलचस्पी
हो, आगे बढ़ने के तमाम अवसर हों तथा सबसे बड़ी बात यह हो कि
स्वनियोजन अथवा रोजगार की शत-प्रतिशत गारंटी हो।
मगर इसके लिए सर्वाधिक जरूरी यह जानना
है कि आपके लिए कौनसा कोर्स हर मायने
में उपयोगी
हो सकता
है या फिर आपकी योग्यता
व रूचियों
के अनुकूल
हो सकता
है ताकि उसे आप लगन
से पूरा कर सकें। इसके लिए आप
कैरियर सलाह डॉट कॉम
से सम्पर्क कर समस्त जानकारी हासिल कर सकते है
कैरियर सलाह डॉट कॉम में आज
भारत में उपलब्ध तमाम सामान्य व्यावसायिक, गैर व्यावसायिक व तकनीकी
कोर्स से सम्बन्धित जानकारियां उपलब्ध हैं, जहां से आप किसी भी तरह
की मदद या सुझाव मांग सकते हैं।
साइट द्वारा छात्र-छात्राओं को इस बात के लिए तैयार किया जाता है
कि वे अपने लिये कैरियर का चुनाव किसी भी तरह चांस से नहीं सदैव
अपने च्वाइस से हीं करें।
पिछले एक दशक में शिक्षा तथा रोजगार के क्षेत्र में सैकड़ों ऐसे
अवसर पैदा हुए हैं जिसके बारें में अधिकांश लोगों को आज भी कोई
जानकारी नहीं। माता-पिता अपनी अपूर्ण इच्छा व आकांक्षा अपने बच्चों
पर थोप देते हैं तथा बच्चे भी पर्याप्त जानकारी के अभाव में या फिर
पारिवारिक अनुशासन का लिहाज करते हुए अनिच्छापूर्वक उसी
कोर्स-विशेष को अपनाने के लिए मजबूर होते हैं। हालांकि यह सबसे
खतरनाक स्थिति होती है और उसके नतीजे भी कालान्तर में कष्टदायक ही
होते हैं।
आज उच्च शिक्षा मे सिर्फ उन्ही लोगों को जाना चाहिए जिनकी दिलचस्पी
वाकई अध्ययन तथा शोध मे है, अन्यथा उन्हे देश मे उपलब्ध अन्य अवसरो
मे से ही अपने भविष्य की सुरक्षा की तलाश करनी चाहिए। आज स्पोर्टस,
मेडिसिन, बॉयोटेक्लॉजी, कास्मेटॉलॉजी, फैशन, डिजायन तथा प्रबंधन
जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों स्वर्णिम संभावनाएं उपलब्ध हैं, फिर क्यों
नहीं उनमें अपनी क्षमता व प्रतिभा आजमायी जाये।
स्कूल शिक्षा समाप्त हो जाने के बाद कैरियर की चिंता व उसका चुनाव
की प्रक्रिया इतनी अव्यावहारिक ;पर आज भी प्रचलन मेंद्ध है कि
अधिकांश छात्र-छात्राएं आगे चलकर अपने ही चयन पर तथा अपने ही कोर्स
से घृणा करने लग जाते हैं। लेकिन तब तक देर इतनी हो चुकी होती है
कि सिवाय पश्चाताप व सिर धुनने के और कोई चारा भी नहीं रह जाता।
दूसरी ओर जो कैरियर का सही चुनाव ;यहां ‘सही’ से तात्पर्य योग्यता,
क्षमता व अभिरूचि के अनुरूप हैंद्ध करने से असफल हो जाते हैं, वे
भारत छोड़कर विदेशों में जाने की बात तो अपने आसपास फटकने भी नहीं
देते। भारतीय शिक्षा को कोसने का काम भी उन्हीं का रह जाता है जो
कैरियर के विवेकपूर्ण चुनाव में विफल रहते हैं।
एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुझाव यह कि कैरियर के चुनाव का सही वक्त
दसवीं कक्षा होनी चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा समय होता है जब
छात्र-छात्राओं में सर्वाधिक अनिर्णय की स्थिति होती है पर साथ ही
साथ उन्हें सबसे अधिक सही सुझाव और दिशा-निर्देश की भी आवश्यकता
होती है। विषयों के चुनाव का यह सबसे सही वक्त होता है, पर्याप्त
सोच-विचार कर अपनी रूचि के विषय का चयन उसमें कैरियर की संभावनाओं
के मद्देनजर ही करना चाहिए। ऐसा नहीं कि आर्ट्स पढ़ने की इच्छा हो
और साइंस में दाखिला लेने की मजबूरी, कॉमर्स में दिलचस्पी हो तथा
इंजीनियरिंग कोर्स को अपनाने का दबाव, मेडिकल मे जाने की इच्छा हो,
एम.बी.ए. मे दाखिला लेने की विवशता। इस तरह आधे-अधूरे मन से किये
गये कैरियर के चुनाव में वांछित सफलता तो संदिग्ध रहती ही है,
इच्छित नतीजे न मिलने से जीवन भर के लिए ही वह कोर्स अभिशाप बन जाता
है।
होना तो यह चाहिए कि आप जो भी कोर्स करने जा रहे हों, उसके बारे
में अथवा उसकी संभावनाओं से आपको पूर्णतया वाकिफ होना चाहिए कि
आखिर आप वह कोर्स किस लिये कर रहे हैं। कोर्स का अनायास चयन नहीं
होना चाहिए। ऐसा होने पर न तो आप उस कोर्स के प्रति सीरियस हो
सकेंगे और न ही अपने प्रति समुचित न्याय कर सकेंगे। आपको उक्त
कोर्स में संतुष्टि भी नहीं मिलेगी, न पर्याप्त दिलचस्पी जगेगी और
फिर नतीजा निराशा ही निराशा।
छात्र-छात्राओं को हताशा अथवा निराशा का शिकार होने से बचाने के
लिए कैरियर सलाह डॉट कॉम ,
कंचन मेडिकल स्टोर, आयुष्मान हॉस्पीटल, खन्दारी बाईपास,
आगरा-202005 (उ.प्र.) (मोबाइल फोन
नम्बर-9897267851) द्वारा सर्वप्रथम छात्र-छात्राओं से यह
पता किया जाता है कि किस तरह के विषय में उनकी रूचि है, तदनुसार ही
उक्त क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों से उसे वाकिफ कराया जाता है ताकि
बगैर किसी दबाव के कैरियर के चयन की स्वतंत्रता में स्वविवेक के भी
पर्याप्त इस्तेमाल का मौका उन्हें मिल सके। कभी-कभी तो ऐसा होता है
कि मां-बाप अपने बेटे के आई.ए.एस. बनने का ख्वाब देखते है और उसी
अनुसार उसकी शिक्षा पर भी बल देते है पर वह एक बिजनेंसमैन बनकर रह
जाता है। कैरियर के चयन मे स्वतंत्रता न देने का ही यह नतीजा है कि
उहापोह का शिकार छात्र कभी-कभार न घर का रह जाता है और न घाट का।
कैरियर सलाह डॉट कॉम द्वारा
छात्र-छात्राओं की अभिरूचि जान लेने पर उन्हें स्वयं ‘कैरियर प्लान’
बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। ऐसा देखा गया है कि रूचि के
किसी भी क्षेत्र विशेष में कैरियर बनाने की तमन्ना के विभिन्न
रास्ते दिखा देने भर से ही छात्र-छात्राओं में उसे पूरा करने की
इच्छा भी प्रबल होने लगती है। उनमें अनिर्णय जैसी स्थिति हर्गिज नहीं
रहती तथा वे कैरियर विशेष के विभिन्न पहलुओं व विभिन्न रास्तों से
परिचित होकर फैसला करने की स्थिति में होते हैं।
फिर आज तो दर्जनो ऐसे व्यावसायिक कोर्स है जिनमे रोजगार की पूरी
गारंटी तो है ही, सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्कूल से निकलने के साथ
ही दाखिला भी संभव है। उदाहरण के लिए 10+2 के बाद कोई भी छात्र चाहे
तो लॉ, मैनेजमेन्ट, डिजायन, होटल मैनेजमेन्ट तथा पत्रकारिता मे
दाखिला ले सकता है। सिर्फ जानकारी होनी चाहिए कि वह शिक्षा कहां
ग्रहण की जाये।
कैरियर सलाह डॉट कॉम द्वारा
छात्र-छात्राओं को शिक्षा व कैरियर में उनकी अभिरूचि के अनुसार यह
जानकारी दी जाती है कि वे अपने देश में उपलब्ध अवसरों से किस तरह
फायदा लेकर अपना भविष्य बना सकते हैं
कैरियर के चुनाव मे उधेड़बुन की स्थिति नहीं होनी चाहिए। फैसला
बिल्कुल अपने लक्ष्य को केन्द्र में लेकर होना चाहिए। यदि आई.ए.एस.
बनना है तो अपको किस रूचि के विषय को अपना कर आसानी से कामयाबी
हासिल की जा सकती है, इसका चयन भी सर्वप्रथम अत्यावश्यक है।
मैनेजमेंट में जाना है तो वह भी स्पष्ट होना चाहिए कि होटल, बिजनेस
अथवा पर्सनल मे। डॉक्टर बनने की तमन्ना हो या फैशन डिजाइनर बनने की
चाह उसे पूरा कर पाने के लिए प्रयास भी बिल्कुल सही ढंग व गंभीरता
से होने चाहिए।
|